उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं और ऐसे में अस्पतालों के साथ ही कोविड केयर सेंटरों पर भी दबाव काफी बढ़ा है। इस सबको देखते हुए सरकार ने संस्थागत क्वारंटाइन के मामलों में अब काफी छूट दे दी है, विशेषकर बाहरी राज्यों से यहां आने वाले व्यक्तियों को। इस सिलसिले में अनलॉक-4 की संशोधित गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। इसमें साफ किया गया है कि यदि कार्य विशेष को कोई व्यक्ति सात दिन तक की अवधि के लिए यहां आता है तो उसे क्वारंटाइन से छूट रहेगी। अलबत्ता, यह अवधि सात दिन से अधिक होती है तो संबंधित व्यक्ति को 10 दिन तक होम क्वारंटाइन रहना होगा। अभी तक यह अवधि चार दिन की थी।
इसके साथ ही वह शर्त भी हटा दी गई है, जिसमें कोरोना के लिहाज से हाईलोड 31 शहरों से आने वालों के लिए सात दिन के संस्थागत या पेड क्वारंटाइन में रहने की बाध्यता थी। अब वे भी होम क्वारंटाइन रह सकेंगे। यही नहीं, राज्य में आने से 96 घंटे पहले तक कोरोना की आरटी-पीसीआर, एंटीजन, ट्रूनेट व सीबीनेट जांच में किसी एक की भी रिपोर्ट निगेटिव होने पर उसे मान्य किया जाएगा। यह भी साफ किया गया है कि संबंधित व्यक्ति को अपना सही पता देना होगा। यदि यह गलत पाया गया तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा हाईलोड शहरों से आने वालों के संस्थागत क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त कर उन्हें होम क्वारंटाइन की सुविधा दिए जाने से क्वारंटाइन सेंटर के लिए अधिकृत किए गए तमाम निजी व सरकारी भवन भी मुक्त हो सकेंगे।
बाहर से आने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। बार्डर पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर कोविड की एसओपी के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति के पास कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट नहीं है तो वह राज्य में पहुंचकर जांच करा सकता है।
सरकार ने यह भी व्यवस्था दी है कि जिला प्रशासन अपने क्षेत्र के बॉर्डर, एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करेंगे। इस दौरान किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा। पॉजिटिव होने पर कोविड की एसओपी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।