उत्तराखंड पर्यटन के क्षेत्र में भी कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। उत्तराखंड में पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार कई योजनाओं का शुभारंभ कर चुकी है व पर्यटकों को लुभाने के लिए पर्यटन स्थलों में बदलाव भी कर रही है। उत्तराखंड में पर्यटन विभाग रोमांच का शौकीन रखने वालों के लिए रूट तैयार कर रही है। पर्यटन विभाग अब प्रसिद्ध ताल, बुग्यालों व पर्यटन स्थलों को जाने वाले ट्रैकिंग रूट बना रहा है। अभी फोकस 10 ट्रैकिंग रूप पर है। इसके बाद शेष मार्गों को भी विकसित किया जाएगा। इन पर्यटन स्थलों पर रोमांच के शौकीन ट्रैकिंग कर ही पहुंचते हैं और प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हैं। प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक उत्तराखंड में ट्रैकिंग करने आते हैं।
कोरोना महामारी के कारण पर्यटन व्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। नए साल के आगमन में लोगों को अच्छे समय का इंतजार है। सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है, जिससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। जिसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही है।
प्रदेश के 10 ट्रेकिंग रूट को बेहतर करने का काम चल रहा है। इनमें उत्तरकाशी के धराली झूलापुल से मुखबा, मोरी ब्लॉक के जखोल से सरूताल, टिहरी के सेम नागराजा मंदिर तक का पुराना ट्रैक, पौड़ी जिले में फैडखाल से हरियाली सैण, भिलंगना ब्लाक के घत्तू से पवाली कांठा, भिलंगना से मासरताल महिडांडा, टिहरी गढ़वाल के बूढ़ाकेदार से मासरताल, विकासखंड थौलधार के पुस्ताड़ी से त्याडधार खैड़ी, ब्लॉक जाखणीधार के ग्राम कस्तल से पीढ़ी/खैट पर्वत और देहरादून में राजपुर रोड से मसूरी तक का ट्रैकिंग मार्ग शामिल है।