उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मिलने वाले हिम तेंदुओं पर निगरानी के लिए वन विभाग सोलर पावर कैमरे लगा रहा है। ये कैमरे आईटीबीपी और आर्मी कैंप के पास जहां हिम तेंदुओं के पदचिह्न मिले हैं, वहां भी लगाए जा रहे हैं। अभी तक उच्च हिमालयी क्षेत्र में 40 कैमरे लगाए जा चुके हैं।
पिछले साल बनाई गई हिम तेंदुए की गणना की योजना के तहत सोलर कैमरों को नीति व माणा घाटी में लगाया जा रहा है। मलारी चमोली गढ़वाल, मुनस्यारी, घनसाली और बदरीनाथ मंदिर के जोन में भी ये कैमरे लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि 2006-07 में बदरीनाथ मंदिर जोन में भी हिम तेंदुए के पदचिह्न मिल चुके हैं। इन सोलर कैमरों की मदद से हिम तेंदुए के पाए जाने वाले क्षेत्रों को कवर किया जा सकेगा। इन कैमरों से हिम तेंदुए की गणना में मदद मिल सकेगी।
सोलर कैमरे के ये होंगे फायदे
सोलर कैमरों का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ के बीच भी ये सोलर कैमरे आसानी से 24 घंटे काम कर सकेंगे। बिजली की लाइन, खंभे लगाने व उनके रखरखाव आदि की परेशानी से विभाग बच सकेगा। साथ ही पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।
80 से ज्यादा हिम तेंदुए का अनुमान
भारतीय वन्य जीव संस्थान (डब्लूआईआई) हिम तेंदुओं की मौजूदगी को लेकर समय-समय पर जानकारी जुटाता रहा है। डब्लूआईआई सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 80 से ज्यादा हिम तेंदुए होने का अनुमान है।
कुमाऊं में 2015 में कैमरे में कैद हुआ था हिम तेंदुआ
कुमाऊं के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 2015 में हिम तेंदुआ कैमरे में कैद हुआ था। बागेश्वर वन प्रभाग में ग्लेशियर रेंज के सुंदरढूंगा इलाके में हिम तेंदुए की तस्वीर वन विभाग क्षेत्र में लगाए गए कैमरों में आई। हिम तेंदुए की यह फोटो 29 जून 2015 की रात ढाई बजे कैमरे में कैद हुई है। इसके बाद से हिम तेंदुए को लेकर वन विभाग में सरगर्मियां बढ़ गई हैं।
उच्च हिमालयी क्षेत्र जहां हिम तेंदुए का मूवमेंट पाया गया है, उन जगह पर सोलर पावर कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे आईटीबीपी व आर्मी कैंप के पास भी लगाए जा रहे हैं। यहां भी हिम तेंदुए का मूवमेंट मिला है। – जेएस सुहाग, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखंड