बहन के हत्यारोपितों को सजा दिलाने के लिए अनशन पर बैठे भाई को पुलिस ने बुधवार को गिरते स्वास्थ्य का हवाला देकर उसके घर से उठा लिया। पुलिस के घर पहुंचने पर परिवार संग पुलिसकर्मियों की बहस भी हुई। परिजनों व युवक के विरोध के बावजूद पुलिसकर्मियों ने उसे गाड़ी में बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया।
कमलुवागांजा के नैनवालपुर गांव निवासी कमल कफल्टिया की बहन पुष्पा का विवाह गौलापार के तारानवाड़ गांव निवासी गौरव बेलवाल के साथ हुआ था। 24 जून को बहन के परेशानी में होने की सूचना मिलने पर उसने डॉयल 112 पर कॉल कर मदद मांगी थी। जिसके बाद पांच जुलाई को पुष्पा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
जिसके बाद ससुराल पक्ष के खिलाफ उत्पीडऩ का आरोप लगा चोरगलिया थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। कमल का आरोप है कि इस मामले में शुरू से पुलिस का रवैया शुरू से ढीला रहा। जांच के बारे में पूछने पर कभी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
जिसके बाद जानकारी पाने के लिए आरटीआइ का इस्तेमाल करने के साथ अफसरों को 13 पत्र भी भेजे। कमल का कहना है कि 24 जून को 112 में कॉल करने पर भी पुलिस बहन के घर नहीं पहुंची थी। वहीं, बुधवार सुबह नायब तहसलीदार लामाचौड़ पुलिस को लेकर कमल के घर पहुंच गई। एसओ मुखानी भगवान सिंह महर ने बताया कि फिलहाल प्रशासन के निर्देश पर कमल को अस्पताल भिजवा दिया गया है।