उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पिछले कुछ दिनों से अपने विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया में आलोचनाएं झेल रहे हैं। वह फटी जींस’ पर अपने बयान को लेकर चर्चा में है। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने फटी जींस को लेकर दिए गए बयान के संबंध में कहा कि युवाओं से संबंधित कार्यक्रम में उन्होंने संस्कारों को लेकर यह बात कही, जिस पर उन्होंने कहा कि उनकी बात अगर किसी को बुरी लगी हो तो वह उससे क्षमा मांगते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जींस से कोई ऐतराज नहीं है और वह खुद भी जींस पहनते थे। उन्होंने कहा कि ‘फटी जींस‘ पहनने की बात उन्होंने संस्कारों के परिप्रेक्ष्य में कही थी। उन्होंने कहा अगर किसी को लगता है कि ‘फटी जींस’ ही पहननी है तो मुझे उससे कोई ऐतराज नहीं है। अगर किसी को बुरा लगता है तो मैं उनसे क्षमा मांगता हूं। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के दिनों की बात भी साझा की जिसमें उन्होंने बताया कि स्कूल के दिनों में जब उनकी पैंट फट जाती थी तो उन्हें डर लगता था कि कहीं गुरूजी डांटेंगे तो नहीं, दंड तो नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि यह अनुशासन और संस्कार था कि हम फटी पैंट पर पैबंद लगाकर स्कूल जाते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कहीं वह बच्चों को नशे जैसी बुरी विकृतियों से दूर करने को लेकर आयोजित किया गया था और उन्होंने बच्चों को इससे बचाने के लिए घर पर संस्कार देने की बात कही। आज के समय में युवा हजारों रुपये की जींस खरीद कर लाता है। उस पर भी कैंची मार देता है। उनके कहने का अर्थ यह था कि बच्चों में किताबी ज्ञान नहीं, संस्कार भी डालना चाहिए। उनके कहने का कोई गलत अर्थ नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी भी बेटी है। जो बात वह करेंगे, वह घर पर भी लागू होगी। घर में संस्कारयुक्त वातावरण बनाना चाहिए। उन्हें जींस से कोई एतराज नहीं। वह जो खाकी पहनते थे, वह भी जींस का रूप था। उन्होंने जो बात कही, वह फटी जींस के लिए कही थी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने बयान ‘फटी जिन्स’ पर मांगी माफ़ी, सोशल मीडिया पर इस बयान से मचा था बवाल
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