नई शिक्षा नीति के तहत उत्तराखंड में उच्च शिक्षा आयोग गठित की जाएगी, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत होंगे। इसी आयोग के अधीन स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक होगी। नई शिक्षा नीति पर सुझाव देने के लिए गठित कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है।
नई नीति पर सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने पूर्व वीसी प्रो. एमएसएम रावत की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। कमेटी ने केंद्र में प्रस्तावित शिक्षा आयोग की तर्ज पर राज्य में शिक्षा आयोग गठित करने की सिफारिश की है। केंद्र में प्रस्तावित आयोग के अध्यक्ष पीएम हैं। उत्तराखंड में यह जिम्मेदारी सीएम संभालेंगे। मेडिकल-लॉ को छोड़कर हर स्तर की पढ़ाई शामिल: प्रस्तावित आयोग के अधीन मेडिकल और लॉ को छोड़कर हर तरह की शिक्षा शामिल होगी। इससे हर स्तर पर पढ़ाई के बीच तालमेल बना रहेगा। कमेटी ने प्रस्तावित बदलाव के लिए नया कोर्स बनाने की भी सिफारिश की है। साथ ही, आगामी शैक्षिक सत्र से ही क्रेडिट स्कोर प्रणाली लागू करने को क्रेडिट बैंक बनाने के लिए कहा है।
3000 से अधिक छात्र संख्या पर स्वायत्तता, कमेटी ने तीन हजार से अधिक छात्र संख्या वाले कॉलेजों को स्वायत्तता देने की भी सिफारिश की। इसके साथ ही एकल विषय वाले कॉलेजों की जगह बहुविषयक वाले कॉलेजों की पैरवी की है। यदि कॉलेज संसाधनों के अभाव में बहुविषयक नहीं हो पाता है तो दूसरे कॉलेजों के साथ क्लस्टर के रूप में जोड़ा जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत उत्तराखंड में उच्च शिक्षा आयोग गठित किया जाएगा, जाने क्या होंगे फायदे
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