कोरोना जैसे महामारी के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अप्रैल महीने में प्रदेश के अंदर मनरेगा में तेजी से काम शुरू करवाए गए थे। इसके तहत अब तक प्रदेश में करीब पांच लाख लोग जुड़ भी चुके हैं और 35 हजार से अधिक काम शुरू भी कराए जा चुके हैं। ये काम जल संवर्द्धन, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन निर्माण से संबंधित थे। इसमें अभी तक लोग काम करके अपनी तय मजदूरी भी पाते थे। नई योजना के तहत संबंधित विभागों से मिलकर मनरेगा में अपना काम शुरू करने के लिए पैसे दिए जाएंगे और विभाग इसमें उस व्यक्ति की अपनी योजनाओं के हिसाब से मदद करेंगे। मसलन मुर्गी बाड़ा बनाने के लिए मनरेगा से पैसा दिया गया। इसके साथ ही उद्यान विभाग सब्जी उगाने में मदद करेगा। इसे साधन पैकेज का नाम दिया गया है। भूमिहीन और गरीब लोगों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। कोशिश होगी की छमाही आय कम से कम 40 हजार रुपये की हो।
यह संभव होगा मनरेगा को आजीविका से जोड़ने पर। सरकार इस योजना पर करीब 218 करोड़ रुपये खर्च करेगी।