आज मौनी अमावस्या का पर्व स्नान है। मौनी अमावस्या के दिन सूर्य तथा चंद्रमा गोचरवश मकर राशि में आते हैं इसलिए ज्योतिष के अनुसार यह दिन एक संपूर्ण शक्ति से भरा हुआ और पावन अवसर बन जाता है। मौनी अमावस्या को वो प्रमुख त्योहार माना जाता है जो माघ मास में आता है। इस दिन मौन धारण किया जाता है और कई वस्तुओं का दान किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मौन रहने से मुनि पद की प्राप्ति होती है और इस दिन पवित्र नदियों व तीर्थ स्थलों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इसकी सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। जिला व मेला प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे की आरटीपीसीआर जांच कराकर आने और कोविड-19 को लेकर केंद्र और राज्य की गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी है। साथ ही 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों व दस वर्ष से कम आयु के बच्चों को साथ न लाने का भी सुझाव दिया गया है। स्नान पर्व पर सुरक्षा की दृष्टि से मेला क्षेत्र को नौ जोन व 25 सेक्टरों में बांटा गया है। मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर नागरिक पुलिस के कुल 1635 अधिकारी कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा राहत दल की ड्यूटी सभी आवश्यक उपकरणों सहित छह संवेदनशील स्थानों पर लगाई गई है। जिसकी पूरी तैयारियां हो चुकी है। इससे संबंधित सभी व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी है।