अधीनस्थ सेवा कर्मचारी चयन आयोग ने बीते दिनों 316 पदों पर वन विभाग में भर्ती का प्रस्ताव भेजा था जिस पर आयोग ने भर्ती के लिए आवेदन पत्र भी निकाले गए थे । लेकिन वन विभाग में बंदरों का के केवल 29 पद ही खाली है । वन विभाग मे वन दारोगा की निकली विज्ञप्ति पर 40,000 से ज्यादा आवेदन किए जा चुके हैं । अब बताया जा रहा है कि विभाग को इस बात की जानकारी होने पर विभाग पदों की संख्या घटाने की तैयारी में है जबकि चयन आयोग भर्ती की पूरी तैयारियां कर चुका है । 10 सालों से वन विभाग में वन दारोगा की सीधी भर्ती नहीं हुई थी ।
33.3% के कोटे के हिसाब से सीधी भर्ती में वन विभाग में 1 दारोगा के करीब 316 पद खाली थे लेकिन विभाग ने सापेक्ष भर्ती का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा है और इन पदों की विभागीय पदोन्नति करने की मांग भी की है ।
कार्मिक सेक्शन का कहना है कि 2 सालों में करीब इतने ही पद द्वारा खाली हो जाएंगे जो सीधी भर्ती के दौरान हुए पदों को दे दिए जाएंगे । लेकिन प्रशासन इसे सेवा को नियमावली के विपरीत बताते हुए 316 पदों को भर्ती होने तक खाली रखने को कहा है । और प्रशासन ने भर्ती का प्रस्ताव आयोग को भेज दिया गया है वहीं दूसरी तरफ कार्मिक सेक्शन में 287 पद पर पदोन्नति के फॉर्म भी भर दिए गए हैं ।
वही सीसीएफ कार्मिक मनोज चंदन का कहना है कि चयन आयोग में पदों की संख्या गलत भेज दी गई थी अब सीधी भर्ती के पदों का निर्धारण दोबारा किया जा रहा है और इन पदों का निर्धारण जुलाई के अंत तक पूर्ण किया जाएगा और उन्हीं पदों के अनुसार पदों की संख्या आयोग को बताई जाएगी । मनोज चंद्रन का कहना है कि यह प्रक्रिया विभागीय सेवा नियमावली के अनुसार ही संपन्न की जा रही है । और इस उलझन को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा ।
कुछ कर्मचारियों का कहना है कि जब कुल स्वीकृत 1729 पदों में से 1705 पहले ही भरे जा चुके हैं तो 316 पदों पर भर्ती कैसे हो सकती है । उत्तराखंड बेरोजगार संगठन ने वन आरक्षी भर्ती परीक्षा की जांच को सार्वजनिक करने की मांग की है । उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पवार का कहना है किड्डी जी की ओर से एसआईटी प्रमुख को 15 दिन में जांच करने के आदेश दिए गए हैं ।