ये ऊपर की चार लाइनें महज शब्दों की हेरफेर से बनी ‘हेडलाइंस’ नहीं हैं. ये लाइन तस्वीर बुनती हैं, एक ऐसे आज की जिसमें नौकरियां घट रही हैं, जीडीपी पाताल में घुस गई है और भविष्य पर लगा है क्वेश्चन मार्क? बेचैनी ऐसी है कि जो युवा सालों से सरकारी नौकरियों की तैयारी में जुटे थे, कोई रिजल्ट की प्रतीक्षा कर रहा था, कोई नियुक्ति की तो कोई एग्जाम के डेट की, ऐसे सारे युवा अपने भविष्य को लेकर आशंकित नजर आ रहे हैं. भरोसा इस कदर कम हुआ है कि
सोमवार, मंगलवार और बुधवार को #SpeakUpForSSCRailwayStudents और #StopPrivatisation_SaveGovtJob ये दोनों हैशटैग ट्विटर पर छाए रहे. कई पार्टियों की युवा यूनिट्स का भी इसे समर्थन मिला.
इस हैशटैग और कैंपेन के जरिए छात्र ये मांग रख रहे हैं कि उनकी SSC, रेलवे की परीक्षाओं में जो लेटलतीफी, अनियमितता हो रही है, उसे दूर किया जाए और सरकारी नौकरियों को प्राइवेट हाथों में जाने से रोका जाए.
एक उदाहरण देखिए, एसएससी के द्वारा कराई जा रही सीजीएल 2018 की परीक्षा 2 साल से ज्यादा समय से अटकी पड़ी है जबकि रेलवे की परीक्षा 18 महीने से. अब ये छात्र कह रहे हैं कि NEET, JEE की परीक्षाओं के दौरान महामारी की सभी बाधाओं को पार कर लिया गया, एग्जाम कराए जा रहे हैं, तो इनकी परीक्षाओं में आखिर देरी क्यों हो रही है?
दिल्ली के गीता कॉलोनी के रहने वाले रितेश SSC-CGL की तैयारी करते हैं. वो कहते हैं कि 2018,2019 के एग्जाम नहीं हुए हैं, 2020 की नौकरियों के नोटिफिकेशन तक नहीं आए हैं. सरकार क्या करना चाह रही है कुछ समझ नहीं आता. वेकैंसी का हाल ये है कि IBPS क्लर्क की भर्ती जो पहले 20-20 हजार पदों पर होती थी, अब घटकर 4 हजार के आसपास हो गई है.
वो भी #SpeakUpForSSCRailwayStudents हैशटैग में हिस्सा ले रहे हैं. रितेश जैसे लोगों ने मिलकर लाखों ट्वीट किए. ये एक नंबर पर भी ट्रेंड कर रहा था, ट्वीट इतनी संख्या में आए कि वैश्विक स्तर पर भी ये ट्रेंड करने लगा.
छात्रों की मांग को लगातार उठाने वाले संगठनयुवा हल्लाबोल के को-ऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा कहते हैं कि देश में सरकारी नौकरियों में भर्ती परीक्षा को गंभीरता से नहीं लेनी की आदत सी होती जा रही है. इस हैशटैग के जरिए छात्र अपनी बात रख रहे हैं और उन्हें कई नेताओं, संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है.
बिहार में मधुबनी के रहने वाले बिपिन, दिल्ली में रहकर SSC की तैयारी करते हैं. 2017 से अबतक की टाइम लाइन बताते हैं. बिपिन का कहना है कि साल 2018 में करीब 35 दिनों का प्रोटेस्ट दिल्ली में SSC के खिलाफ हुआ था, उस प्रोटेस्ट के बाद जांच शुरू हुई लेकिन नतीजा क्या रहा, अब तक नहीं पता. 2018 में SSC का जो नोटिफिकेशन आया था दिसंबर 2019 में उसके टीयर-थ्री का एग्जाम हुआ. नोटिफिकेशन से अब दो साल बाद भी टीयर-3 का रिजल्ट नहीं आ सका है.
यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले विकास चंद्र मौर्य रेलवे ग्रुप-D और यूपी में भर्ती की परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. वो भी अपनी बातचीत में परीक्षा में देरी के साथ-साथ प्राइवेटाजेशन का डर बताते हैं. विकास कहते हैं,