उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया है। आज मुहूर्त के अनुसार, कार्तिक शुक्ल की पंचमी को उत्तराषाढा नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त में अपराह्न 03:35 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से बंद कर दिए गए।
मंदिर के मुख्य पुजारी ने कपाट बंदी की प्रक्रिया को संपन्न किया। दो दिन पहले हुई बर्फबारी के चलते बद्रीनाथ धाम में जमी बर्फ और सर्द हवाओं के बीच मंदिर के कपाट बंद किए गए। इस मौके पर मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम के बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया है। गढवाल हिमालय के चारधामों में से अन्य तीन- रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ तथा उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही बंद किए जा चुके हैं। सर्दियों में भारी बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चार धामों के कपाटों को हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिए जाते हैं।
बद्रीनाथ में इस वर्ष कुल तीन लाख दस हजार यात्रियों ने चारधामों के दर्शन किए जिनमें से एक लाख पैंतालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ पहुंचे। जिसमें 1,34,981 तीर्थयात्री केदारनाथ, 23,837 श्रद्धालु गंगोत्री धाम एवं 7,731 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम के दर्शन करने पहुंचे। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण इस साल यात्रा देर से जुलाई में शुरू हुई थी।