कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर अड़े हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि किसानों के मुद्दों को सुलझाने में केंद्र सरकार नाकाम रही हैं। किसानों का प्रदर्शन केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हो रहा है। किसान इन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जिसमें पंजाब और हरियाणा के किसान हैं लेकिन मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के किसान भी यहां आए हुए हैं। … काफी संख्या में पुलिसकर्मियों के पहुंचने के बावजूद कई किसानों का कहना है कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में नहीं जाएंगे जहां उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है।
किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि किसानों को दिल्ली सीमाओं से हटकर प्रदर्शन की प्रस्तावित जगह पर एकट्या होना चाहिए। शाह ने कहा कि सरकार उनसे जल्द बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन उसके लिए उन्हें बुराड़ी पहुंचना होगा। लेकिन किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं पर ही जुटे रहने का फैसला लिया है। इससे पहले ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत किसानों और पुलिस के बीच जोरदार संघर्ष हुआ, जिसमें पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले भी दागे वहीं किसानों ने अवरोधकों को तोड़ा और पथराव किया, वहीं शनिवार को शांति बनी रही। लेकिन महानगर के बाहर हजारों की संख्या में किसानों के जमा होने के कारण बहुत अधिक तनाव बना रहा।सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान ट्रकों, ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों में आए हुए हैं और पानी की बौछारों तथा आंसू गैस के गोले का सामना करते हुए तीन दिनों से यही प्रर्दशन कर रहे हैं। वहीं काफी संख्या में पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है।