नारायण बगड़ विकासखंड से 26 किलोमीटर दूर चोपता और आसपास के गांव को उत्तरीकडाकोट पट्टी के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय चोपता की सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों के बाद स्कूल चर्चा में है हर कोई इसे संवारने वालो की तारीफों के कसीदे ही पढ़ रहा है और इसे जमकर शेयर भी किया जा रहा है। स्कूल को यह स्वरूप देने में लगे शिक्षक नरेंद्र भंडारी जो कि प्रभारी प्रधानाचार्य का पद भी देख रहे हैं, परमानंद सती, गजपाल नेगी एवं अंजलि रतूड़ी की मेहनत लगी है।
बता दे कि आजादी से पूर्व 1901 में ही प्राथमिक विद्यालय खुल चुका था, जो कि उत्तरीकडाकोट पट्टी का तात्कालिक शिक्षा का केंद्र भी था। इसी विद्यालय के शिक्षक परमानंद सती बताते हैं कि वर्ष 2004 -05 में ही विद्यालय का भवन बनकर तैयार हो चुका था।
वर्ष 2016 में विद्यालय को आदर्श विद्यालय का दर्जा मिला, लेकिन संसाधन नहीं थे । बस यही से शिक्षकों की टीम ने काम शुरू किया और आज सार्थक परिणाम सबके सामने हैं । सर्वप्रथम शिक्षकों ने यहां स्वयं के दान से विद्यालय कोष की स्थापना की, और अभिभावकों को भी इससे जोड़ा। विद्यालय में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर ड्रेस कोड शुरू किया गया और बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा का सिलसिला देने की योजना बनाई गई।
योजना के अनुसार यहां बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा दी गई कि बच्चे नवोदय विद्यालय एवं हिम ज्योति जैसे स्कूलों में प्रवेश पा सके। परिणाम सार्थक रहे अभी तक 11 बच्चे नवोदय विद्यालय एवं दो बालिकाएं हिम ज्योति स्कूल देहरादून में पढ़ रही है। यही नहीं विद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष यशवंत रावत भी तन मन से इस कार्य में लगे रहे। इन सभी प्रयासों के बाबजूद भी उन्हें कि कुछ ऐसा किया जाना चाहिए कि विद्यालय तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं सरकार की नजर पड़े, ताकि विद्यालय को सरकारी मदद से और अधिक बेहतर बनाया जा सके।