हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसे, इस छोटे से हिल स्टेशन को ‘छोटा स्विट्ज़रलैंड’ भी कहा जाता है। ज्यादा आम ना होने की वजह से ही चोपता(Chopta) की शांति और इसकी आबोहवा का जादू अब भी बरकरार है। इस खूबसूरत स्थल से हिमालय की नंदादेवी, त्रिशूल एवं चौखम्बा पर्वत श्रृंखला के विहंगम दृश्य दिखाई देते हैं।
उत्तराखंड की वादियों में रुद्रप्रयाग में एक छोटा-सा हिल स्टेशन है, जिसका नाम है चोपता। 2,680 किलोमीटर की ऊंचाई पर बसे चोपता के बारे में बहुत से लोगों ने शायद सुना भी नहीं होगा, लेकिन यहां की खूबसूरती में आपको स्विटजरलैंड की याद आ जाएगी। शायद इसीलिए चोपता को ‘मिनी स्विटजरलैंड’ का नाम दिया गया है। चोपता सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर नहीं है बल्कि यहां का चंद्रशिला ट्रैक भी काफी मशहूर है। यह ट्रैक चोपता से ही शुरू होता है। इसके अलावा यहां से तुंगनाथ के लिए भी एक छोटा-सा ट्रैक है। तुंगनाथ दुनिया का सबसे ज़्यादा ऊंचाई पर बना शिव मंदिर है।
चोपता जाने के लिए सबसे बेहतरीन समय अप्रैल से नवंबर है। सर्दियों के दौरान पूरा क्षेत्र बर्फ से कवर हो जाता है। पूरे सीज़न यहां बर्फबारी रहती है और यह नज़ारा देखने लायक होता है।
चोपता ऋषिकेश से आराम से पहुंचा जा सकता है। चमोली और गोपेश्वर होते हुए चोपता पहुंचा जा सकता है। ट्रैकिंग के लिए यहां का चोपता-तुंगनाथ ट्रैक दुनियाभर में मशहूर है। चोपता में काफी सारे ट्रैक्स हैं और जंगलों और खूबसूरत ग्रासलैंड के बीच से गुजरते हैं।
चोपता में खास चोपता में टूरिस्ट ट्रैकिंग के अलावा कैंपिंग, योग, स्नो स्कींग, रॉक क्राफ्ट, रॉक क्लाइंबिंग (पहाड़ चढ़ना) जैसी काफी ऐक्टिविटीज़ कर सकते हैं। यहां का देवरिया ताल और अत्रिमुनी झरना भी काफी लोकप्रिय है।