विधायक महेश नेगी पर आरोप है कि उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला के एक पारिवारिक सिपाही मित्र को मारपीट कर महिला के खिलाफ बयान दर्ज कराए हैं। सिपाही ने ही महिला को यह बात बताई और इस बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सिपाही ने रोते हुए खुद को डरा हुआ और जान का खतरा बताया है। ऑडियो में महिला और एक युवक (जिसे सिपाही हरिओम बताया जा रहा है) की आवाज है। हरिओम महिला को बता रहा है कि दो दिन पहले विधायक गैरसैंण सुरेंद्र सिंह जीना का गनर उसे हरिद्वार से लेकर आया था। गनर ने बताया था कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज है, जिसके लिए देहरादून चलना है।
देहरादून में वह विधायक हॉस्टल में उसे लेकर आया। वहां विधायक महेश नेगी के साथ कई और लोग बैठे थे। सिपाही का आरोप है कि विधायक और उनके साथियों ने उससे मारपीट की और कहा कि महिला के खिलाफ झूठा बयान दे। सिपाही का कहना है कि विधायक और उनके साथियों ने मारपीट करते हुए छह वीडियो बनाए हैं। जो बयानों में कहलवाना था वह इन वीडियो में रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद जब सीओ के सामने जब वह कोई शब्द भूलता था तो यह वीडियो दिखाकर याद कराया जाता था। सिपाही ऑडियो में किसी अन्य महिला के बारे में भी बात कर रहा है। आरोप लगा रहा है कि विधायक ने कहा है कि उन्होंने महिला के बयान भी बदलवा दिए हैं। इसके लिए महिला को मोटा पैसा दिया गया है।
इस मामले में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि अभी तक पुलिस के पास बहुत से साक्ष्य आए हैं। इनके आधार पर ही जांच चल रही है। यदि कोई भी बयान दर्ज कराने वाला व्यक्ति अपनी बात दोबारा कहना चाहता है तो वह पुलिस को बता सकता है। इस मामले में यदि गवाहों के बयानों में विरोधाभास सामने आता है तो भविष्य में पॉलिग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया को भी अमल में लाया जा सकता है।