किसानों का आंदोलन जारी है। चार महीने से आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 मार्च यानि शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया। लेकिन जिस तरह जनवरी या फरवरी की शुरुआत तक किसानों के मुद्दे को लेकर लोगों की रुचि दिखाई रही थी वैसी अब कहीं नजर नहीं आ रही है। वही इसमें अब मीडिया भी अब कोई रूचि नहीं दिखा रही है।
बीते चार महीने में सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बात हो चुकी है। लेकिन सरकार और किसानों के बीच कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। वही किसान संगठनों का कहना है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा। वही तीनो कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर सबसे ज्यादा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के इलाकों में देखने को मिला। वहीं बाकी राज्यों में भी इस बंद का मिला जुला असर देखने को ही मिला। इस दौरान यातायात सुविधाएं भी ठप रहीं। किसानों के भारत बंद की वजह से 4 शताब्दी ट्रेनों को भी कैंसल करना पड़ा। जिसकी वजह से लोग सुबह से ही परेशान होते दिखे। वही भारत बंद का असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुछ खास नहीं देखने को मिला। ऐसा इसलिए, क्योंकि वहां से मेट्रो रेल और सड़क परिवहन सेवाओं में कोई बाधा की खबर नहीं आई। साथ ही सभी प्रमुख बाजार भी खुले रहे। वही 26 मार्च को किसान संगठनों द्वारा भारत बंद जो एलान हुआ उसमें लोगों की दिलचस्पी कम देखने को मिली, वही मीडिया ने भी इस मुद्दे पर कुछ खास ध्यान नही दिया। जिससे किसान आंदोलनों पर खासा प्रभाव पड़ता दिख रहा है।
भारत बंद में किसानों के प्रर्दशन में मिला जुला असर देखने को मिला, किसान संगठन ने कहा जारी रहेगा आंदोलन
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