एमडीएच मसालों के जरिए घर-घर तक अपनी पहचान बनाने वाले महाशय धर्मपाल का गुरुवार को निधन हो गया। वह 98 साल के थे। गुलाटी के निधन की जानकारी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी है। धर्मपाल गुलाटी ने सिर्फ 5वीं तक की पढ़ाई की थी। गुलाटी का जीवन बेहद प्रेरणा देने वाला रहा है। उनके पिताजी चुन्नीला सियालकोट (जो कि पाकिस्तान में है) में मसालों की दुकान चलाते थे, जिसका नाम महाशियां दी हट्टी था। इसी के नाम पर इनके मसालों का नाम एमडीएच पड़ा। महाशय धर्मपाल को कोरोना हुआ था, जिससे ठीक होने के बाद उनको हार्ट अटैक आया ।
धर्मपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान में हुआ था।एमडीएच को इस मुकाम तक लाने में धर्मपाल गुलाटी ने काफी मेहनत की थी। सिर्फ पांचवी क्लास तक पढ़े धर्मपाल गुलाटी ने जीवन में हर ऊंचे मुकाम को छुआ। धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ थे।
2018 में उन्हें 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली थी।
आर्य समाज से जुड़े धर्मपाल गुलाटी दान-पुण्य में भी काफी आगे रहते थे। वे अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा वह दान कर दते थे। 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी उनके द्वारा चलाए जाते हैं। 2 हजार करोड़ रुपये बाजार मूल्य के महाशियन दि हट्टी एमडीएच ग्रुप के सीईओ गुलाटी को पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था।