उत्तराखंड की संस्कृति की अपनी एक अलग पहचान है। यहां जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के कई गांवों में सोमवार से मरोज पर्व की शुरुआत हो गई। लोगों ने देवता से सुख और शांति की कामना की। देर शाम तक गांवों में गीत-संगीत का दौर चलता रहा। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में जश्न मनाया। खान-पान के साथ ही मनोरंजन के भी विशेष प्रबंध किए गए । सोमवार को क्षेत्र के 150 से अधिक गांवों में मरोज पर्व शुरू हो गया है। सुबह लोगों ने मंदिर जाकर पूजा की। इसके बाद हथियारों की पूजा की गई। देवता को खिचड़ी का भोग लगाया गया। फिर हर घर-परिवार में एक-एक बकरे की बलि दी गई। देर शाम लोगों ने पंचायती आंगन में जमकर हारुल और तांदी नृत्य किया। आगे क्षेत्र के शेष गांवों में आज से पर्व मनाया जाएगा।
उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के कई गांवों में मरोज पर्व की हुई शुरुआत
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