देवभूमि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों से जंबू, चोरू, कपूर कचरी, कुटकी, कूठ, जटामांसी जैसी औषधीय जड़ी बूटियां तेजी से विलुप्त हो रही हैं। वनस्पति विज्ञानियों की अगुवाई में पिथौरागढ़ के चौदास घाटी में संरक्षण को लेकर योजना लागू की गई है। चौदास घाटी के 11 गांवों के 172 से अधिक किसानों को इन औषधीय जड़ी बूटियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें आजीविका के साथ जोड़ने को लेकर भी पहल की गई है। औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण में वन विभाग और कई हर्बल कंपनियों की भी मदद ली जा रही है। कई औषधीय वनस्पतियां वनस्पति विज्ञानियों के मुताबिक जंबू, चोरू, तेजपता, कपूर काचरी, कुटकी, कूठ और जटामासी जैसी वनस्पतियां समुद्र तल से 900 मीटर से लेकर 2800 मीटर तक की ऊंचाई वाले स्थानों में पाई जाती हैं। जो विलुप्त हो रही है।