उत्तराखंड में अपनों से ही लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर एकबार फिर हाईकमान ने विश्वास जताते हुए राष्ट्रीय स्तर पर उनका कद बढ़ाते हुए उन्हें पंजाब का प्रभारी बना दिया है। इससे साफ पता चलता है की कांग्रेस के लिए कितने जरूरी हैं ‘हरदा’। बता दे की चिट्ठी विवाद के बाद शुक्रवार को कांग्रेस में बड़े फेरबदल किए गए है। इसी के साथ गुलाब नबी आजाद से महासचिव का पद छिना गया तो सुरजेवाला और हरीश रावत का कद बढ़ा दिया गया है।
इस फेरबदल में सबसे बड़ा फायदा राहुल गांधी के वफादार रणदीप सिंह सुरजेवाला को हुआ है। सुरजेवाला अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं। इसके साथ ही सुरजेवाला को कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया है। उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है। मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके अलावा जितिन प्रसाद को कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रभारी बनाया है। संगठन में यह उनके लिए बड़ी उछाल मानी जा रही है। बता दें कि विवादास्पद चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद भी थे। ताजा बदलाव के बाद पवन कुमार बंसल सचिव प्रभारी प्रशासन होंगे। इसके अलावा राहुल के वफादार मनकीम टैगोर को तेलंगाना का प्रभारी सचिव नियुक्त किया गया है।