राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के सपनों के गांव की परिकल्पना गांव के हर व्यक्ति का स्वावलंबी होना है। जिस गांव से खुशहाली की राह निकलती हो और हर व्यक्त अपनी भोर से लेकर सांझ तक की दिनचर्या में व्यस्त हो। जनपद उत्तरकाशी में ऐसे गांव एक नहीं, बल्कि दर्जनों हैं।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूर टकनौर पट्टी के आठ गांव ऐसे हैं, जहां हर व्यक्ति खुशहाल है। इनकी खुशहाली का राज खेती-किसानी, बागवानी, पशुपालन है। इन लोगों की आजीविका पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन असर नहीं पड़ा है। टकनौर पट्टी के बार्सू, रैथल, नटीण, द्वारी, पाही, गौरसाली, जखोल, पाला की महिलाओं से लेकर पुरुष तक हर व्यक्ति देश की उन्नति का सारथी बनकर आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपनी भूमिका निभा रहा है। इन गांवों 800 से अधिक परिवार निवास करते हैं। जिनमें 95 फीसद परिवार परिवार खेती किसानी के स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं।