उत्तराखंड में ऐसी बहुत सी जगह है जो पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहती है। ऐसी ही एक जगह नैनीताल में है नैना पीक। नैना पीक(Naina Peak) नाम से मशहूर चाइना पीक पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते है।
नैना पीक (Naina Peak)
नैना पीक(Naina Peak) नैनीताल के आस पास की चोटियों में सबसे ऊंची चोटी है। जिसकी ऊंचाई 8622 फीट (2611मी) है। यहां से नैनी झील, पूरा नैनीताल, हल्द्वानी, रामगढ़, मुक्तेश्वर, रानीखेत, नेपाल बार्डर, चाइना बॉर्डर और आस पास की सभी ऊंची चोटियां दिखाई देती हैं। नैना पीक में पैदल सफर करना किसी रोमांचकारी यात्रा से कम नहीं है। समुद्र तल से 2611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित नैना पीक नैनीताल शहर की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है । इसकी दूरी नैनीताल शहर से 6 किलोमीटर है । इस पर्वत की चोटी से जहॉ एक ओर हिम से ढके हुए हिमालय का पश्चिम में बंदर पूंछ चोटी से पूर्व में नेपाल के अपि एवं नरी चोटी तक का विहंगम दृश्य दिखायी देता है वहीं दूसरी ओर नैनीताल शहर की सुंदरता का ‘बर्ड आई व्यू’ देखाई देता है । पर्यटक किसी दूरबीन की मदद से आस पास के इलाके का भव्य दृश्यों का भी आनंद उठा सकते हैं । नैनीताल शहर से नैनापीक जाने हेतु पैदल ट्रेकिंग करते हुए अथवा घोडे पर जाया जा सकता है। नैनापीक जाने हेतु घोडे बारापत्तथर अथवा स्नो व्यू से उपलब्ध होते हैं ।
नैना पीक का इतिहास(History of Naina Peak)
नैना पीक, जिसे चीनी चोटी या चाइना पीक(China Peak) के रूप में भी जाना जाता है, इस क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है, जो समुद्र तल से लगभग 2,600 मीटर की ऊंचाई पर है। चीन के साथ 1962 के युद्ध के बाद शिखर का नाम चीन शिखर से नैना चोटी रख दिया गया। अधिक ऊंचाई और हरे-भरे जंगल के रास्ते के कारण नैना पीक ट्रेकिंग के लिए नैनीताल की एक पसंदीदा जगह है।
नैना पीक जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा यहाँ से नैनीताल की दूरी लगभग 68 किलोमीटर हैं। जिससे आसानी से से टैक्सी अथवा कार से पहुंचा जा सकता हैं। वही रेलवे स्टेशन काठगोदाम से नैनीताल की दुरी लगभग 33 किलोमीटर है। जिसके बाद गाड़ी से आप यहाँ आ सकते हैं और यहां की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।