रविवार को कृषि क्षेत्र से जुड़े दो विधेयक राज्यसभा में ध्वनि मत से पास हो गए। वही विपक्ष का दावा है कि सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं है और बीजेपी को मदद पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया है। किसान बिल पर कल राज्यसभा में हंगामा करने वाले आठ विपक्षी सांसदों को एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबन के विरोध में सांसद संसद भवन में धरने पर बैठे हैं। जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, डोला सेन, राजीव साटव शामिल हैं। विपक्ष के कई सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया था। संजय सिंह और राजीव साटव महासचिव के सामने टेबल पर चढ़ गए थे। वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आसन के सामने रूल बुक लहराई थी।
कृषि से जुड़ा तीसरा विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया गया जिसमे संसद ने ‘दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020’ को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कर्ज भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों तथा व्यक्तिगत गारंटी देने वालों के खिलाफ साथ-साथ दिवाला कार्रवाई चल सकती है।
विपक्षी सदस्यों के निलंबन को कांग्रेस ने बताया ‘अलोकतांत्रिक’
कांग्रेस ने सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों के निलंबन को ”अलोकतांत्रिक” और ”एकतरफा” करार दिया। निलंबित सदस्यों में कांग्रेस के भी तीन सदस्य शामिल हैं। पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पहले तो सदस्यों की आवाज दबाई गई और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया।
निलंबित सांसद बैठे धरने पर
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्यसभा के उपसभापति के साथ बुरा व्यवहार करने के लिए आठ सांसदों को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया गया है। सस्पेंशन के विरोध में निलंबित सांसद, संसद परिसर में बैठे हैं।
विपक्षी पार्टियों के सांसद आठ सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हैं।