आईएमए की पासिंग आउट परेड के बाद आज 325 युवा सैन्य अधिकारी अब भारतीय थल सेना का हिस्सा बन जाएंगे।पासिंग आउट परेड के दौरान इस ऐतिहासिक पल के साक्षी उप सेना प्रमुख ले. जनरल एसके सैनी भी होंगे, जो बतौर रिव्यूइंग अफसर के तौर पर परेड की सलामी लेंगे। पास आउट होने वाले 70 फॉरेन कैडेट्स भी शामिल हैं। चप्पे-चप्पे पर तैनात सेना के सशस्त्र जवान सुरक्षा का दारोमदार संभाले हुए हैं।एकेडमी कैंपस के आउटर इलाकों में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास है। सिर्फ पास धारकों को ही आईएमए में प्रवेश की परमिशन दी जा रही है। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार आईएमए का गौरवमयी इतिहास रहा है। ये संस्थान से 1932 में 40 कैडेट्स के साथ पहला बैच पास आउट हुआ था। दुनियाभर में पराक्रमी व फौलादी आर्मी अफसरों को तैयार करने वाले संस्थान से अब तक 62956 युवा सैन्य अधिकारी पास आउट होकर अपना इतिहास बना चुके हैं। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी आयोजन सादगी से आयोजित होगा। सरहदों की हिफाजत में वीरभूमि हमेशा आगे रही है। आईएमए से पास आउट होने वाले जीसी की संख्या भी यही बयां करती है। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है। राज्य की आबादी देश की कुल आबादी का महज 0.84 परसेंट है।
भारत को मिलेंगे आज 325 युवा सैन्य अधिकारी, देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार उत्तराखण्ड
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