उत्तराखंड का जायका दुनियाभर में मशहूर है। उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजन का हर कोई दीवानी है। आज हम आपको उत्तराखंड की एक खास डिश बनाना बताएंगे।
सौ ग्राम की गडेरी में 64 ग्राम पानी होता है। इसके अलावा प्रोटिन, पांच फीसद फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, सेलेनियम, विटामिन, जिंक होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। पहाड़ पर उगने वाली लाल गडेरी में दिल की बीमारी दूर करने वाले तत्व भी होते हैं। कोलेस्ट्रॉल भी नहीं होता। गडेरी खाने से मोटापा कम होता है। बुढापा भी जल्दी नहीं आता। शरीर के घाव भरते हैं। ठंड दूर करती है। शरीर की ताकत में इजाफा होता है।
गडेरी बनाने की रेसिपी-
सबसे पहले अरबी व लाई को धोकर काट लें और प्रेशर कुकर में डालकर थोड़ा सा नमक भी मिला लें अब गैस ऑन करें और सब्जी में एक सीटी लगा लें। आप चाहे तो इसे सीधे बिना उबाले भी कढ़ाई में पका सकते हैं पर उसमे थोड़ा सा टाइम ज्यादा लगेगा। भाँग को सिलबट्टे में पानी की सहायता से पीसकर उसका रास छान कर अलग कर लें। अब एक कढ़ाई में सरसों का तेल डाल, साबुत जीरा और धनिया डाले। प्याज, साबुत लाल मिर्च, लहसुन व अदरख का पेस्ट भून लें। प्याज लहसुन ना डालना चाहे तो जरूरी नही है उबाली हुई सब्जी डालें। हल्दी पाउडर, जीरा-धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर डालें। नमक बाद में जब कम लगे तो डालें क्योकि सब्जी उबालते समय भी थोड़ा नमक डाला जाता है। अब भाँग का छान कर रखा पानी भी मिला दे और सब्जी को 7-8 मिनट तक पकने दे। अब सब्जी का रंग थोड़ा काला हो जाएगा। सब्जी तैयार है तड़का लगाना चाहो तो लगा लें अन्यथा केवल घी सब्जी के ऊपर से डालकर भी अच्छा होता है।उसके बाद गरमा गरम रोटी के साथ आनंद लें।