कोई अपना जब बिना अलविदा कहे अचानक से गायब हो जाता है तो परिवार वालों के लिए पूरी जिंदगी मानों एक बुरा सपना जैसा बन जाता है। खबर अच्छी हो या बुरी, इंसान फिर भी दिल पर पत्थर रखकर इंतज़ार कर लेता है, लेकिन अगर किसी का पता ही ना चले तो जिंदगी उम्मीद और निराशा के बीच कही रुक सी जाती है। बागेश्वर के रहने वाले निर्मल का परिवार भी इन दिनों इसी दर्द से गुजर रहा है। निर्मल सिंह बिष्ट ईरान की शिपिंग कंपनी में जॉब करते थे। बीते 4 जून को पर्शिया की खाड़ी में एक ईरानियन जहाज डूब गया था। दुर्भाग्य से निर्मल भी इसी जहाज पर सवार थे। 5 जून को निर्मल के परिजनों को निर्मल के जहाज के डूबने की दुखद खबर मिली। बताया गया कि यह जहाज उत्तरी पर्शिया की खाड़ी में किसी निर्माण कार्य से टकरा गया था, जिससे ये दुर्घटना हुई और जहाज डूब गया। यह जहाज ईरानियन बंदरगाह से कुवैत जाता था। हादसे के वक्त जहाज में 9 लोग सवार थे। जिनमें से 4 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। जबकि पांच लोगों के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। जिनमें निर्मल सिंह बिष्ट का नाम भी शामिल हैं। पिछले एक महीने से घरवाले निर्मल सिंह की कोई खबर मिलने की रह देख रहे हैं, लेकिन ये इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। निर्मल सिंह बिष्ट 28 साल के हैं, उनका परिवार भागीरथी कॉलोनी में रहता है। युवक के पिता प्रकाश सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्होंने बेटे की खोजबीन के लिए विदेश मंत्री से लेकर डीजी शिपिंग तक को पत्र लिखा, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला पाया। एक एजेंट द्वारा निर्मल को मर्चेंट नेवी में जॉब मिली थी, वो भी टालमटोल कर रहा है। उन्होंने बताया कि छह महीने पहले ही उनके बेटे को हल्द्वानी के एजेंट ने ईरान की लाइव शिपिंग कंपनी में जॉब दिलाई थी। जिसके बाद निर्मल की तैनाती शिप बेहबहान में की गई। नौकरी दिलाते वक्त एजेंट ने 4.60 लाख रुपये लिए थे। उसने निर्मल की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेने की बात भी कही थी, लेकिन अब वो लगातार गुमराह कर रहा है। कभी वो रेस्क्यू जारी होने की बात करता है तो कभी पता लगाने की। जिस वजह से परिजनों को अनहोनी की आशंका होने लगी है। शिपिंग कंपनी वाले और एजेंट कुछ छिपा रहे हैं। गुरुवार को निर्मल सिंह बिष्ट के पिता प्रकाश सिंह ने इस संबंध में एसपी रचिता जुयाल को ज्ञापन देकर मदद की गुहार लगाई।
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