मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने आपदा पीड़ितों को तीन दिन के भीतर राहत राशि देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की वजह से यदि जनहानि होती है। तो परिजनों को तीन दिन के भीतर सहायता राशि दी जाए।
शनिवार को सचिवालय में आपदा कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों के साथ ही अन्य सभी अफसरों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद जब धूप आती है तो ऐसे समय में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एहतियात बरतना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आपदा से बंद सड़कों को कम से कम समय में खोला जाए और संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी व अन्य उपकरण 24 घंटे तैनात रखे जाएं। आपदा से निपटने के लिए सभी जिलाधिकारियों को आपदा मद में 5-5 लाख रूपये का अतिरिक्त बजट देने का भी निर्णय लिया गया है।
वन भूमि पर विस्थापन हो सकेगा :
राज्य में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों का विस्थापन अब वन भूमि पर भी होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सभी जिलाधिकारियों को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
आपदा में अभी तक 62 की मौत:
इस साल राज्य में अभी तक प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 62 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 33 घायल और 4 लोग लापता हैं। 237 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं।