उत्तराखंड में सैंपल जांच बढ़ने के साथ ही कोरोना मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसकी तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम है। बीते सात दिनों में प्रदेश में कोरोना के 4637 मरीज मिले और 2913 मरीज ठीक हुए हैं।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वालों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की रफ्तार धीमी है। लगातार सक्रिय मरीज बढ़ने से अस्पतालों में इलाज का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि सरकार ने निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमितों का इलाज करने की अनुमति दी है और इलाज की दरें तय की है। लेकिन आइसोलेशन बेड का एक दिन का कम से कम आठ हजार रुपये की दर से इलाज करना आम मरीज की जेब पर भारी पड़ेगा।
शासन ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाल ही में निजी अस्पतालों को भी कोरोना के इलाज की अनुमति प्रदान की है। अनुमति देते हुए सरकार ने कहा था कि निजी अस्पताल प्रदेश सरकार द्वारा तय की गई दरों पर ही इलाज करेंगे। अब सरकार ने केंद्र की तर्ज पर उत्तराखंड में भी इलाज की दरें जारी कर दी हैं।
तय की गई इलाज की दरें
एनएबीच से संबद्ध अस्पताल
- आइसोलेटेड बेड (ऑक्सीजन के साथ)- 8000 रुपये।
- गंभीर मरीज (आइसीयू बिना वेंटीलेटर के) 12000 रुपये।
- गंभीर मरीज (आइसीयू और वेंटीलेटर के साथ) – 14,400 रुपये।
निजी अस्पताल
- आइसोलेटेड बेड (ऑक्सीजन के साथ)- 6400 रुपये।
- गंभीर मरीज (आइसीयू बिना वेंटीलेटर के) 10,400 रुपये।
- गंभीर मरीज (आइसीयू और वेंटीलेटर के साथ) – 12,000 रुपये रुपये।