अटल आयुष्मान योजना जरूरतमंदों के लिए मददगार साबित हो रही है। इस योजना के तहत अभी तक 56 मरीजों को कोरोना का मुफ्त इलाज दिया गया है। जिनमें से सत्रह मरीज स्वस्थ होकर अपने घर भी जा चुके हैं। उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था। करीब छह माह के अंतराल में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 37 हजार के पार पहुंच गया है।
शुरुआत में सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही कोरोना का इलाज किया जा रहा था, पर अब सरकार ने निजी अस्पतालों को भी इलाज की अनुमति दे दी है। निजी अस्पतालों के लिए इलाज की दरें सरकार ने तय की हुई है। इसी के साथ अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लाभार्थियों का निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाएगा।
अटल आयुष्मान योजना के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की व्यवस्था 30 अगस्त से शुरू हुई थी। तब से अब तक हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में 53 और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कोरोना संक्रमित तीन मरीज भर्ती हुए। इनकी तमाम जांच, उपचार निश्शुल्क किया गया है। कोरोना पीड़ित कोई मरीज अटल आयुष्मान योजना का पात्र है और उसका गोल्डन कार्ड नहीं भी बना है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्टेट हेल्थ एजेंसी बिना कार्ड के भी अस्पताल को मरीज के मुफ्त उपचार की मंजूरी दे देगी।