भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की फाॅरेस्ट एडवाइज़री कमेटी द्वारा देहरादून की सौंग बांध परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। ये योजना सरकार देहरादून शहर को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने और रिस्पना नदी को पुनर्जीवन देने वाली महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल है। मूल रूप से सौंग नदी पर बनने वाले इस बांध की ऊंचाई करीब 148 मीटर है और इससे छह मेगावाॅट तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्वीकृति दी है। जिसके लिये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री का आभार व्यक्त किया। परियोजना से 2050 तक की देहरादून शहर व उसके उपनगरीय क्षेत्रों की अनुमानित आबादी को ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। ऊर्जा उत्पादन में भी इससे मदद मिलेगी। सिंचाई के लिये पानी की उपलब्धता से कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। लगभग 1200 करोड़ की इस परियोजना के लिये नीति आयोग से वित्तीय मदद का आग्रह किया गया है। सौंग बांध की झील लगभग 76 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली होगी, जबकि बांध की ऊंचाई 148 मी. के आसपास होगी। इस बांध से ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति होगी जिससे प्रतिवर्ष बिजली के व्यय पर होने वाले करोड़ों रूपये की बचत भी होगी।
देहरादून की सौंग बांध परियोजना को मिली स्वीकृति, 148 मीटर होगी ऊंचाई
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