उत्तराखंड के लोगों में अनेकों खुबिया है। कोरोना काल में कई लोगों को अपनी नौकरी गवानी पड़ी, जिसमें उत्तराखंड के लोग बड़ी संख्या में अपने पहाड़ वापस आए । इन लोगों ने हार न मानकर गाँव में ही सफल रोजगार खोला। जिसमें उन्होंने आत्मनिर्भरता की ठोस मिसाल पेश की है। उत्तराखंड में लोग तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। राज्य में खेती को बढ़ावा मिल रहा है। उत्तराखंड में कृषि के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ गई हैं। लोग तेजी से खेती-बाड़ी से जुड़ रहे हैं और अलग-अलग प्रकार की फसलों को उगा रहे हैं। उत्तराखंड के ऐसे ही वृद्ध किसान जिन्होंने कीवी की खेती में महारत हासिल की है। उन्होंने सिर्फ 2 पौधों से हर मौसम में 3 से 4 क्विंटल कीवी की फसल उगा कर आत्मनिर्भरता की एक मिसाल पेश की है। अल्मोड़ा के हवालबाग स्थित स्याहिदेवी के रहने वाले मोहन सिंह लटवाल जिनकी उम्र 72 वर्ष है, उन्होंने कई वर्षों पहले कीवी की खेती शौकिया तौर पर करना शुरू किया था। मगर अब उन्होंने कीवी की खेती को रोजगार का माध्यम बना लिया है और वे उससे अच्छी खासी आय कमा रहे हैं। उनका गांव समुद्र तल से लगभग 7000 की ऊंचाई पर स्थित है। उन्होंने कीवी की शानदार उपज की है उन्होंने अपनी मेहनत और कड़े हौसलो से पौधों की सही देखभाल की है। जहां आजकल के नौजवान खेती करना पसंद नहीं करते या उनको खेती करने में शर्म आती है वहीं मोहन सिंह बिना सरकारी मदद और विभागीय सहयोग अपनी काबिलियत और के दम पर खेतों में नये प्रयोग कर रहे हैं जो कि प्रशंसनीय और काबिलेेतारीफ है।
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