नए साल का जश्न आज सभी मना रहे हैं। 2020 सभी के लिए कुछ खास नही रहा। परंतु उत्तराखंड के लिए साल 2020 कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण रहा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बदौलत अरसे से लम्बित कई योजनाएं इस साल पूरी हुई।
सालों से लटके काम समयबद्धता से पूरे किए गए, डोबरा चांठी पुल इसका बड़ा प्रमाण है। आज डोबरा चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से 3 लाख से ज्यादा की आबादी लाभान्वित हो रही है।
इसी प्रकार मुनि की रेती, ऋषिकेश में 48 करोड़ की लागत से बने 346 मीटर लम्बे जानकी सेतु को भी लोकार्पित किया जा चुका है।
पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक में भैरवगढ़ी ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना से इलाके के 75 गांवों और तोक को पानी मिलने लगा है।
देहरादून में सूर्यधार झील लोकार्पित की जा चुकी है। सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है।
इस वर्ष ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में भी तेजी आई है। न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया है। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में बीआरओ द्वारा निर्मित 8 पुलों का लोकार्पण किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा।
कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फाॅर लोकल का आह्वान किया। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस वर्ष इसमें और तेजी से काम किया गया है। लगभग 30 हजार लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं जबकि 6 करोड़ से अधिक की बिक्री और 60 लाख से अधिक का शुद्ध मुनाफा ग्रोथ सेंटरों को हुआ है।
राज्य में पति की सम्पत्ति में महिलाओं का सह-अधिकार देने का निर्णय लिया गया ताकि उन्हें लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। महिलाएं अपने नाम पर दर्ज संपत्ति पर स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण ले सकेंगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगी।
चीड़ को राज्य में वनाग्नि का प्रमुख कारण माना जाता रहा है। हरित ऊर्जा में नवाचारी पहल करते हुए इस वर्ष सौर ऊर्जा और पाईन निडिल से बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय काम किया गया। सौर ऊर्जा नीति के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। अभी तक कुल 276 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं जबकि अन्य आवंटित 203 मेगवाट क्षमता की परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया।