उत्तराखंड में फर्जीवाड़ा कहीं से भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। अब उत्तराखंड सरकार द्वारा फर्जी डिग्री धारक शिक्षकों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत रुद्रप्रयाग जिले के 10 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। जांच में अकेले रुद्रप्रयाग जिले के 19 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी। विभाग द्वारा इनमें से 10 के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा रही है। जबकि 9 शिक्षकों के विरुद्ध जांच चल रही है। एसआईटी की जांच में जिले में प्राथमिक व जूनियर स्तर पर 19 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में गठित टीम ने प्रदेशभर में फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले की जांच में रुद्रप्रयाग जिले के 19 शिक्षकों को भी पकड़ा गया है। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश के बाद निदेशालय द्वारा दस शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। अन्य नौ फर्जी डिग्री धारक शिक्षकों के विरुद्ध जांच चल रही है। इन सभी शिक्षकों द्वारा 1994 से 2005 के बीच बीएड की डिग्री लेने की बात कही गई है, लेकिन चौधरी चरण सिंह विवि में इन वर्षों के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया है। कुछ शिक्षकों द्वारा अपना दावा पेश करने के दौरान एसआईटी व विभागीय जांच को प्रभावित करने का प्रयास भी किया गया था। जांच कार्रवाई पूरी होने पर निदेशालय के आदेश पर दस शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। शेष नौ के विरुद्ध जांच का आदेश दिया गया है।
रुद्रप्रयाग: फर्जी डिग्री वाले 10 शिक्षक बर्खास्त, 9 के खिलाफ जांच शुरू
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